*न्यायालय को गुमराह करते हुये जीवित व्यक्ति को मृत घोषित करवा कर कूटरचित दस्तावेज तैयार करने वाले तीन शातिर अभियुक्तों को पौड़ी पुलिस ने खिलायी जेल की हवा।*
*वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी श्वेता चौबे के निर्देशन में धोखाधड़ी के विरूद्ध पौड़ी पुलिस की बड़ी कार्यवाही।*
दिनाँक 14.10.2022 को वादिनी श्रीमती शीला देवी निवासी झण्डीचौड़ पूर्वी कोटद्वार जनपद पौड़ी गढ़वाल ने कोतवाली कोटद्वार पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी कि पुरुषोत्तम नामक व्यक्ति जो अपने आप को वादिनी के भाई सतीशपाल सिंह उर्फ सत्यपाल का पुत्र बताता है। पुरूषोत्तम द्वारा वादिनी के भाई सतीशपाल सिंह उर्फ सत्यपाल को झूठे एवं बनावटी तौर पर 1998 से लापता बताते हुए न्यायालय सिविल जज (जू0डि0) कोटद्वार गढ़वाल के समक्ष एक दीवानी वाद संख्या 08/2019 पुरुषोत्तम बनाम- सतीशपाल दायर करते हुए न्यायालय के समक्ष झूठे दस्तावेज एवं साक्ष्य प्रस्तुत करके एवं माननीय न्यायालय को गुमराह करते हुए वादिनी के भाई के जीवित रहते हुये माननीय न्यायालय से उसे दीवानी मृत्यु की उपधारण घोषित कर दी एवं ग्राम पश्चिमी झण्डीचौड़, पट्टी हल्दूखाता, कोटद्वार, पौड़ी गढ़वाल की 0.079 हैक्टेयर भूमि व ग्राम पूर्वी झण्डीचौड़ पट्टी हल्दूखाता, कोटद्वार जिला पौड़ी गढ़वाल की 0.096 हैक्टेयर भूमि को खाता खतौनी में वादिनी के भाई के स्थान पर भूमि का दाखिल-खारिज कर अपने नाम पर चलवा दिया। जबकि वादिनी का भाई जीवित है एवं स्वस्थ है जो वादिनी के साथ रहता है। साथ ही वादिनी के भाई ने वर्ष 2009 से वर्ष 2015 के मध्य समय समय पर अपनी भूमि क्रय-विक्रय की हैं| जिससे स्पष्ट है कि वादिनी का भाई लापता नहीं है तथा पूर्वी इण्डीचौड़ कोटद्वार में निवास करता चला आ रहा है। प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार पर कोतवाली कोटद्वार पर मु0अ0सं0-255/2022, धारा 420 भादवि बनाम पुरुषोत्तम आदि पंजीकृत किया गया।
*वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी श्वेता चौबे* द्वारा उक्त धोखाधड़ी की घटना की गम्भीरता को देखते हुये शीघ्र घटना का अनावरण करने हेतु *टीम गठित करने के कड़े आदेश देकर मामले की स्वयं मॉनिटरिंग* की गयी।
जिसके क्रम में अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार शेखर चन्द्र सुयाल के निर्देशन, पुलिस उपाधीक्षक आपरेशन श्री विभव सैनी के पर्यवेक्षण में अपराधियों की गिरफ्तारी तथा आम जनमानस से हो रही इस प्रकार की ठगी की रोकथाम हेतु प्रभारी निरीक्षक कोटद्वार मनीभूषण श्रीवास्तव के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया।
दौराने विवेचना यह तथ्य प्रकाश में आये कि अभियुक्ता पुष्पा देवी ने अभियुक्त सुनील के साथ मिलकर सिविल वाद 08/19 पुरुषोत्तम बनाम सतीश पाल दर्ज करवा कर न्यायालय में झूठी गवाही एवं कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत कर न्यायालय से सतीश उर्फ सत्यपाल की दीवानी मृत्यु की उपधारणा घोषित करवा ली और पुरुषोत्तम का नाम खतौनी में अंकित करवा कर भूमि विक्रय कर दी। जबकि सतीश उर्फ सत्यपाल वर्तमान में जीवित है। साक्ष्यों के आधार पर मुकदमा उपरोक्त में धारा 120 (बी)/467/468/471/193 भादवि की वृद्धि कर पुलिस टीम द्वारा सर्विलांस, मुखबीरों आदि की मदद से पतारसी-सुरागरसी कर आज दिनांक 10.05.2023 को अभियोग उपरोक्त में वांछित अभियुक्तों 1. सुनील 2.पुरुषोत्तम 3- पुष्पा देवी को गिरफ्तार किया गया। अभियुक्तों के अन्य आपराधिक इतिहास की जानकारी की जा रही है। गिरफ्तारशुदा अभियुक्तों को माननीय न्यायालय के समक्ष पेश कर जेल भेज दिया गया।
*नाम पता अभियुक्तः-*
1- सुनील (उम्र-40 वर्ष) पुत्र स्व0 राम सिंह निवासी पूर्वी झण्डीचौड़ पट्टी हल्दूखाता कोतवाली कोटद्वार पौड़ी गढ़वाल।
2- पुरुषोत्तम (उम्र-29 वर्ष) पुत्र सत्यपाल|
3- पुष्पा देवी (उम्र-50 वर्ष) पत्नी महेन्द्र सिंह निवासी गण ग्राम अरजनीपुर पो०पाडला, सिसौना किरतपुर जिला बिजनौर उ0प्र0।
*पुलिस टीमः-*
1. उपनिरीक्षक दिनेश कुमार
2. मुख्य आरक्षी जीतपाल
3. महिला आरक्षी भारती जोशी