भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
देहरादून:भारतीय स्टेट बैंक के अंशकालिक कर्मचारियों की शिकायत पर क्षेत्रीय श्रम आयुक्त (केंद्रीय) निरंजन कुमार ने जिलाधिकारी देहरादून को एसबीआई से कर्मचारियों के वेतन के एरियर की वसूली के आदेश दिए हैं, यह वसूली भू राजस्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत की जाएगी। सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अंशकालीन कर्मचारियों ने अपने हक की लड़ाई को जीत लिया है। क्षेत्रीय श्रमायुक्त ने जिलाधिकारी को वसूली के लिए प्रमाण पत्र जारी किया है।
कर्मचारियों के एरियर भुगतान के लिए वर्ष 2010 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ एसोसिएशन के पूर्व उप महासचिव एसपी जुयाल ने श्रमायुक्त के क्षेत्रीय कार्यालय में वाद दायर किया गया था। एसपी जुयाल के मुताबिक, बैंक की विभिन्न शाखाओं में शाखा स्तर पर अंशकालीन कर्मचारियों को अनुबंधित किया गया था। इस संबंध में कर्मचारी संगठनों और बैंक प्रबंधन के मध्य 8वें वेतन समझौते में प्रवधान किया गया था कि तीन से छह घंटे के बीच कार्य करने वाले अंशकालीन कर्मचारियों को 1440 रुपये प्रति माह का भुगतान किया जाएगा।
इसी क्रम में कर्मचारी संगठन व बैंक प्रबंधन के बीच हुए 9वें वेतन समझौते में प्रवधान किया गया कि सभी अंशकालीन कर्मचारियों को एक तिहाई वेतनमान का भुगतान एक मई 2010 से किया जाएगा। इसके तहत साल 2010 के मई, जून और जुलाई माह में उक्त गणना के आधार पर भुगतान किया गया। उसी साल अगस्त महीने और उसके बाद मंहगाई भत्ते सहित अन्य बड़े हुए भत्तों की गणना में सम्मलित न करके मई 2010 के वेतन की गणना के अनुसार देय वेतन ही वर्तमान तक भुगतान किया जा रहा है।
इस दौरान साल 2015 औ 2020 में कर्मचारी संगठनों व बैंक प्रबंधन के मध्य हुए 10वें और 11वें वेतन समझौते में अंशकालीन कर्मचारियों को बैंक का कर्मचारी न मानते हुए पहले हुए समझौते के आधार पर वेतन का भुगतान करने से मना कर दिया। इस संबंध में बैंक प्रबंधन से कई बार बात कर कर्मचारियों का भुगतान करने की मांग की गई। लेकिन बैंक प्रबंधन की ओर से कोई सकारात्मक कार्यवाही नहीं की गई। जिसके बाद श्रमायुक्त कार्यालय में वाद दायर किया गया।
क्षेत्रीय श्रम आयुक्त(केंद्रीय) ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जिलाधिकारी देहरादून को अंशकालिक कर्मचारियों के वेतन के एरियर की वसूली बैंक प्रबंधन से करने के लिए पत्र भेजा है।