वाराणसी। मुख्तार अंसारी की मौत के बाद कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय बेटे पीयूष राय के साथ शुक्रवार को बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने पहुंची।
उसके बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आज का दिन हमारे लिए खास दिन है। बाबा विश्वनाथ की कृपा से उन्हें न्याय मिला है। वह तो सीबीआइ कोर्ट से भी हार गई थीं लेकिन भगवान पर पूरा भरोसा था जो कि सही साबित हुआ।
कहा कि मुख्तार की वजह से जितने परिवार अनाथ हुए उनके लिए खुशी की बात है कि एक अपराधी का अंत हुआ है। उन्होंने योगी व मोदी को भी धन्यवाद दिया। वहीं मुख्तार की मौत को लेकर प्रदेश सरकार पर लग रहे आरोप को गलत बताया।
माफिया मुख्तार अंसारी की भाजपा नेता कृष्णानंद राय से अदावत थी। उसने धोखे से कृष्णानंद समेत सात लोगों की गाजीपुर के गोडउर में हत्या करा दी। कृष्णानंद रहे होते तो मुख्तार न तो राजनीति में आगे बढ़ पाता न ही जरायम की दुनिया में।
कृष्णानंद राय ने साल 2002 विधान सभा चुनाव में मोहम्मदाबाद सीट से मुख्तार के बड़े भाई को हरा दिया। कृष्णानंद राय को बृजेश सिंह का साथ मिल रहा था जिससे वह मुख्तार अंसारी हो हर जगह चुनौती दे रहे थे। इससे मुख्तार बुरी तरह से बौखलाया हुआ था।
कृष्णानंद से बदला लेने की फिराक में था। लखनऊ में मुख्तार व कृष्णानंद का आमना-सामना हो गया। दोनों तरफ से कई राउंड गोलियां चलीं। इस घटना में किसी जान तो नहीं गई लेकिन मुख्तार व कृष्णानंद की दुश्मनी और बढ़ गई। 29 नवंबर 2005 को गाजीपुर में ही एक क्रिकेट मैच का उद्घाटन कर वापस अपने गांव गोडउर लौटने के दौरान अत्याधुनिक असलहों से लैस हमलावरों ने बसनियां चट्टी में कृष्णानंद राय की कार को रोक दिया।
उनकी गाड़ी पर एके 47 से 400 राउंड से ज्यादा गोलियां चलाईं। सात लोगों की मौत हुई उनके शरीर से 69 गोलियां निकली थीं। इस हत्याकांड में मुख्तार अंसारी के साथ उसका भाई अफजाल अंसारी और मुन्ना बजरंगी समेत सात लोगों पर आरोप लगे।