घोटाला

विश्वासघात:देहरादून की बैंक ऑफ बड़ौदा की मेन ब्रांच के लॉकर से ग्राहक के रु 56 लाख के जेवर गायब

बैंक में खाता एक विश्वास पर खुलवाया जाता है लॉकर लिया जाता है कि हम जो भी पैसा, जेवर, कीमती वस्तुओं, अभिलेखों आदि को बैंक के हवाले किया जाता है कि एक अच्छी खासी फीस देकर कि यहां सब कुछ हमारा सुरक्षित रहेगा परंतु जब बाड़ ही खेतों को खाने पर उतारू हो जाए तो क्या होगा। ऐसा ही एक मामला सामने आया है राजधानी देहरादून में कि बैंक जो खाताधारक की बाड़ है वो खेत रूपी खाताधारक की फसल ही हजम कर गई।

देहरादून के बैंक आफ बड़ौदा की मुख्य शाखा के लॉकर में रखे करीब 56 लाख रुपये के सोने व चांदी के गहने गायब हो गए। खाताधारक की ओर से बैंक के कई चक्कर काटने के बावजूद भी उन्हें कोई सही जवाब नहीं दिया गया। अब पीड़ित की शिकायत पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह के निर्देश पर डालनवाला कोतवाली पुलिस ने बैंक के वर्तमान शाखा प्रबंधक, क्षेत्रीय प्रबंधक व अन्य सहकर्मी और पूर्व प्रबंधन के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया है।

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पीड़ित की तहरीर के आधार पर मोहित कुमार वर्तमान शाखा प्रबंधक बैंक आफ बड़ौदा मुख्य शाखा, अरविंद जोशी क्षेत्रीय प्रबंधक व अन्य सहकर्मी व भूतपूर्व प्रबंधक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

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प्रार्थिनी श्रीमती सुशीला देवी, धर्मपत्नी स्वर्गीय श्री गोपीचन्द, निवासी 48, घोसी गली, देहरादून, 86 वर्ष की वृद्धा महिला है तथा प्रार्थिनी ने बैंक ऑफ बड़ौदा, मुख्य देहरादून शाखा में अपने तथा अपने पुत्र श्री अनूप कुमार के नाम से बचत खाता खोलने के लिये वर्ष 1995 में सम्पर्क किया तथा उक्त कम में बैंक ऑफ बडौदा, मेन शाखा, देहरादून में बचत खाता संख्या 00880100015511 खोला तथा उक्त कम में बैककर्मियों द्वारा वर्ष 1995 में ही प्रार्थिनी को विश्वास दिलवाया कि प्रार्थिनी उक्त तथ्यकथित बैंक में लॉकर खोल दे तथा उक्त लॉकर में प्रार्थिनी के जेवरात आदि सुरक्षित रहेंगे, जिस कम में प्रार्थिनी ने अपने तया अपने पुत्र के सयुक्त रूप से लॉकर हेतु अपनी सहमति दी, जिसके उपरान्त बैंक ऑफ बडौदा ने प्रार्थिनी को लॉकर नम्बर 38 आवंटित करते हुये लॉकर की एक चॉबी दे दी थी। 2. यह कि वर्ष 1995 में बचत खाता तथा लॉकर खोलने के उपरान्त वर्ष 1995 से 2018 के मध्य प्रार्थिनी ने बैंक ऑफ बडौदा, मेन शाखा, देहरादून के कथित लॉकर संख्या 38 में बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रतिनियुक्त प्रबन्धक के समक्ष अपने तथा अपने परिवार के बेशकीमती जेवरात रखे तथा उक्त अवधि में निरन्तर रूप से लॉकर का संचालन स्वंय तथा अपने पुत्र के माध्यम से निरन्तर रूप से करती आ रही है, जिसका संचालन करते हुये प्रतिनियुक्त प्रबन्धकों के सामने निम्न जेवरात बैंक ऑफ बडौदा की लॉकर संख्या 38 में सुरक्षित होने का विश्वास रखते हुये रखती थी।प्रार्थिनी ने बैंक ऑफ बड़ौदा पर विश्वास रखते हुये उक्त जेवरात बैंक ऑफ बड़ौदा की मेन शाखा, देहरादून के लॉकर संख्या 38 में रखा हुआ था तथा प्रार्थिनी को विश्वास था कि प्रार्थिनी के बिना दिशा-निर्देश के बैंक ऑफ बड़ौदा के सम्बन्धित कर्मियों द्वारा प्रार्थिनी के बेशकीमती उपरोक्त वर्णित जेवरातों के साथ किसी प्रकार की कोई छेड़कानी नहीं करेंगें तथा उक्त क्रम में अत्यधिक वृद्ध होने के कारण प्रार्थिनी वर्ष 2018 के उपरान्त उक्त बैंक लॉकर का संचालन नहीं करवाई, परन्तु प्रार्थिनी को विश्वास था कि सरकारी बैंक में प्रार्थिनी के जेवरात सुरक्षित है।4. यह कि दिनांक 26-11-2024 को प्रार्थिनी के कहने पर प्रार्थिनी का पुत्र श्री अनूप कुमार, जो की सयुक्त खातादार है, जब बैंक ऑफ बड़ौदा, मेन शाखा, देहरादून स्थिति 1, ओल्ड सर्वे रोड़, इण्टरनेशनल ट्रेड टॉवर, देहरादून में लॉकर संख्या 38 के संचालन हेतु चॉबी सहित पहुंचा तो उनके पुत्र को बैंक ऑफ बड़ौदा के उक्त शाखा में वर्तमान में नियुक्त अधिकारियों द्वारा प्रार्थिनी के पुत्र को बताया की उनके नाम पर आवंटित लॉकर वर्ष 2022 में बैंक के भूतपूर्व कर्मचारियों द्वारा तोड़ दिया गया है, जिसपर प्रार्थिनी के पुत्र श्री अनूप कुमार द्वारा बिना पूर्व सूचना के तोड़ने का तर्क दिया तो बैंक कर्मियों द्वारा स्पष्ट किया गया कि आज शाखा प्रबन्धक नहीं है तथा आपके जेवरात सुरक्षित है तथा उक्त लॉकर बैंककर्मी मुख्यतः बैंक प्रबन्धक, बैंक अधिवक्ता, बैंक का जेवरात का मूल्याकंन करने वाला अधिकृत व्यक्ति तथा दो स्वंतत्र व्यक्तियों के समक्ष तोड़ा गया है, जिसका यथोचित चालान बनाकर सुरक्षित स्थान में रखा तथा अगले दिवस आकर अपने जेवरात ले जाने का कथन किया गया। 5. यह कि दिनांक 27-11-2024 को प्रार्थिनी तथा प्रार्थिनी के ज्येष्ठ पुत्र पुनः बैंक ऑफ बड़ौदा की सम्बन्धित शाखा में पहुंचे तो शाखा प्रबन्धक श्री मोहित कुमार बैंक के उच्च अधिकारी मुख्यतः श्री अरविन्द जोशी, डी.जी.एम, व अन्य बैंक कर्मियों के साथ मिलकर प्रार्थिनी के साथ धोखाधड़ी, ठगी तथा प्रार्थिनी के बेशकीमती उपरोक्त वर्णित जेवरातों की डकैती करते हुये प्रार्थिनी के दो पुत्रों को निराधार बहाने देते हुये स्पष्ट किया कि प्रार्थिनी के जेवरात दिनांक28-11-2024 को मिल जायेगें, जिसपर प्रार्थिनी के दो पुत्रों ने लॉकर तोड़ने की बैंक पत्रावली देखने हेतु आग्रह किया तो श्री मोहित कुमार ने फाईल ना दिखाने का कथन करते हुये प्रार्थिनी को दो पुत्रों को शाखा से निकाल दिया।

यह कि बिना किसी विकल्प के प्रार्थिनी के दोनों पुत्र पुनः दिनांक 28-11-2024 को बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा में गये तो मोहित कुमार ने एक साजिश के तहत प्रार्थिनी के पुत्र एवम् सहखातेदार श्री अनूप कुमार से लिखित में प्रार्थना पत्र लिया परन्तु प्रार्थिनी के जेवरात देने में आनकानी करते हुये प्रार्थिनी के पुत्रों को दिनांक 29-11-2024 को बुलाया, जिस पर दिनांक 29-11-2024 को सम्बन्धित शाखा पर जाकर प्रार्थिनी के पुत्र ने सम्बन्धित पत्रावली देखने का कथन करते हुये जेवरात वापिस देने का कथन किया तो तथ्यकथित मोहित कुमार द्वारा श्री अरविन्द जोशी के अधीन संचालित अन्य शाखा में प्रार्थिनी के जेवरात होने का कथन करते हुये तथ्यकथित श्री अरविन्द जोशी के समक्ष भेजा, जहां एक सुसंगठित साजिश के तहत बैंक ऑफ बड़ौदा के उच्चाधिकारियों ने प्रार्थिनी के दो पुत्रों को बताया कि प्रार्थिनी के उपरोक्त वर्णित सम्पूर्ण जेवरात चोरी हो गये है तथा सम्बन्धित पत्रावली भी नहीं मिल रही है तथा हम शिकायत प्रेषित करेंगे तथा विभागीय जांच करके पुलिस को देंगे जो होगा देखा जायेंगा, जिस पर अचंभित होकर प्रार्थिनी के पुत्रों ने तथ्यकथित अरविन्द जोशी से वार्ता करनी चाही तो श्री अरविन्द जोशी ने प्रार्थिनी के दो पुत्रों का धमकाते हुये बताया कि हमारे पास कोई जेवरात नहीं है तथा हमारे बैंक में लॉकर तुम्हारी माता ने लिया था या नहीं हमें क्या पता।

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यह कि प्रार्थिनी के पुत्रों द्वारा मानवता के तहत तथ्यकथित अरविन्द जोशी के समक्ष फरियाद की तो अरविन्द जोशी द्वारा दिन-प्रतिदिन आजकल विभागीय जांच का आने का हवाला दिया जाता रहा है, जिस कम में प्रार्थिनी ने कानूनी नोटिस दिनांकित 12-12-2024 प्रेषित करने के उपरान्त भी बैंक ऑफ बड़ौदा तथा उसके सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा कोई उत्तर नहीं दिया तथा उसके उपरान्त दिनांक 16-12-2024 को प्रार्थिनी के पुत्र द्वारा अरविन्द जोशी से मिलने का प्रयास करने पर जोशी ने धमकाते हुये प्रार्थिनी के पुत्र को कहा कि रिपोर्ट सम्बन्धित थाना में दे दी है हम तुम्हें नहीं दिखाएगें तुम्हें, जो करना है हमारा कर लो हम सरकारी अफसर है।

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यह कि प्रार्थिनी 86 वर्ष की वृद्धा है तथा प्रार्थिनी के पूर्वजों के समस्त जेवरात बैंक ऑफ बड़ौदा के अधिकारियों ने ठगी, साजिश, धोखाधड़ी करते हुये आपराधिक कुटिलता के तहत डकैती करने के मकसद से प्रार्थिनी के विश्वास को तार-तार करते हुये लूट लिया है। यह कि उक्त तथाकथित व्यक्तियों मुख्यतः मोहित कुमार, वर्तमान शाखा प्रबन्धक,अरविन्द जोशी, क्षेत्रीय प्रबन्धक ने अन्य सहकर्मियों तया भूतपूर्व शाखा प्रवन्धकों के साथ मिलकर एक सोची समझी साजिश तथा मिलीभगत के तहत प्रार्थी के साथ कूटरचित तथ्यों के आधार पर जालसाजी, धोखाधड़ी करते हुये प्रार्थिनी के साथ डकैती करते हुये प्रार्थिनी का उपरोक्त वर्णित जेवरातों की लूट कर ली है।

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यह कि माननीय महोदय से प्रार्थना है कि उपरोक्त तथ्यों को संज्ञान में लेते हुये उपरोक्त जालसाजी, ठगी, कूटरचना, धोखाधड़ी, डकैती व लूट आदि में सम्मलित मोहित कुमार,अरविन्द जोशी व अन्य समस्त सम्मलित बैंककर्मीगण के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करते हुये प्रार्थिनी को न्याय दिलवाने की कृपा करे तथा उक्त व्यक्तियों तथा बैंक ऑफ बड़ौदा पर सख्त से सख्त कार्यवाही करें कि भविष्य में अन्य बैंक ऐसी अवैध कृत्य ना करे। 

अतः माननीय महोदय से प्रार्थना है कि उपरोक्त जालसाजी, ठगी, कूटरचना, धोखाधड़ी, डकैती व लूट आदि में सम्मलित श्री मोहित कुमार,अरविन्द जोशी व अन्य समस्त सम्मलित बैंककर्मीगण के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करते हुये प्रार्थिनी को न्याय तथा आभूषण दिलवाने की कृपा करे तथा उक्त व्यक्तियों तथा बैंक ऑफ बड़ौदा पर सख्त से सख्त कार्यवाही करें कि भविष्य में अन्य बैंक ऐसी अवैध कृत्य ना करे।

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