भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
देहरादून दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा मरीजों पर निजी पैथोलॉजी लैबो से खून आदि की जाँच कराने का दबाव बनाना।
समस्त प्रकरण इस प्रकार हैं कि देहरादून दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कई डॉक्टरों द्वारा मरीजों को निजी लैब से पैथोलॉजी जांच कराने को कहा जा रहा है।
उदाहरण हेतु पटेल नगर निवासी अंकित सिंघल अपनी पत्नी का उपचार कराने दून अस्पताल आये थे, यहां पर उन्होंने ओपीडी में डॉक्टर से परामर्श लिया। डॉक्टर ने उन्हें थायराइड व सीवीसी की जांच बाहर निजी पैथोलॉजी लैब से कराने को लिख दिया, उनके द्वारा इस मामले की शिकायत अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ के.सी.पंत से की और कहा कि अस्पताल के डॉक्टर हमेशा ही बाहर से जांच कराने को कहते हैं, खून की जांच हो या फिर अल्ट्रासाउंड मरीजों को निजी लैब में जाने को कहा जाता है।
इस अत्यंत ही जनहित के मामलें में इस संवाददाता ने मानवाधिकार आयोग में जनहित याचिका दायर कर निवेदन किया गया कि यह बहुत ही गंभीर मामला है डॉक्टरों द्वारा निजी पैथोलॉजी लैब वालों को लाभ पहुंचाने तथा अपने को फ़ायदा पहुँचाहने के लिए ऐसा किया जा रहा है, इसलिए आम गरीब जनता की मदद कर जनहित न्यायहित में कार्यवाही करते हुए संपूर्ण मामले की रिपोर्ट तलब करने की कृपा करें।
मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई की गई और आदेश जारी किए गए की
शिकायतकर्ता द्वारा देहरादून दून मेडिकल काॅलेज अस्पताल में डाॅक्टरों द्वारा मरीजों पर निजी पैथोलाॅजी लैबों से खून आदि की जाॅच कराने का दबाव बनाने के सम्बन्ध में शिकायती पत्र प्रस्तुत किया गया है।
शिकायत पत्र की प्रति अधीक्षक, दून मेडिकल काॅलेज देहरादून को प्रेषित कर दी जाये तथा तथा अधीक्षक, दून मेडिकल काॅलेज देहरादून को निर्देशित किया जाता हैं कि वह इस सम्बन्ध में 04 सप्ताह तक अपनी आख्या आयोग के समक्ष प्रस्तुत करेंगें।