वाशिंगटन। डोनाल्ड ट्रंप के नए बयान से अमेरिका में खलबली है। डोनाल्ड ट्रंप ने एक इंटरव्यू में तीसरी बार चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है। उनका कहना है कि संवैधानिक रोक के बावजूद भी वह तीसरे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ सकते हैं। ट्रंप के इस बयान ने अमेरिका में नई बहस छेड़ दी है।
मैं मजाक नहीं कर रहा हूं
डोनाल्ड ट्रंप ने एनबीसी न्यूज को रविवार को फोन पर एक इंटरव्यू दिया। इसी इंटरव्यू में उन्होंने यह बयान दिया। ट्रंप ने कहा कि ऐसे तरीके हैं, जिनकी मदद से आप ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मैं मजाक नहीं कर रहा हूं। मगर अभी इस बारे में सोचना बहुत जल्दी है।
दो बार से ज्यादा कोई नहीं बन सकता राष्ट्रपति
सीबीएस न्यूज के मुताबिक 1951 में अमेरिका में 22वां संविधान संशोधन किया गया था। इसके तहत कोई भी व्यक्ति दो बार से अधिक अमेरिका का राष्ट्रपति नहीं बन सकता है।
रूजवेल्ट के चार कार्यकाल के बाद लगी थी रोक
फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट के लगातार चार बार राष्ट्रपति बनने के बाद यह रोक लगाई गई थी। अब ट्रंप इसी कानून को चुनौती देने के मूड में है। अमेरिका में इस बात की चिंता बढ़ गई है कि क्या डोनाल्ड ट्रंप 1951 के संविधान संशोधन को चुनौती देंगे।
ट्रंप की आलोचना भी हो रही
अमेरिका में ट्रंप के बयान की आलोचना भी हो रही है। प्रतिनिधि डेनियल गोल्डमैन ने इसे सरकार पर कब्जा करने और लोकतंत्र को खत्म करने के स्पष्ट प्रयास में इजाफा करार दिया। गोल्डमैन ने कांग्रेस के रिपब्लिकन से ट्रंप की महत्वाकांक्षाओं का विरोध करने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस के रिपब्लिकन संविधान में विश्वास रखते हैं तो वे ट्रंप की तीसरी बार सत्ता में आने की महत्वाकांक्षा का खुलकर विरोध करें।
कहां से उठी तीसरे कार्यकाल की बात?
बता दें कि वार रूम पॉडकास्ट चलाने वाले स्टीव बैनन ने कुछ दिन पहले ही कंजर्वेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस में कहा था कि हम 2028 में ट्रंप को फिर देखना चाहते हैं। स्टीव बैनन डोनाल्ड ट्रंप के रणनीतिकार भी रह चुके हैं। बोस्टन के नॉर्थईस्टर्न विश्वविद्यालय में संवैधानिक कानून के प्रोफेसर जेरेमी पॉल का मानना है कि ट्रंप के तीसरी बार राष्ट्रपति बनने के पक्ष में कोई विश्वसनीय कानूनी तर्क नहीं है।