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महागठबंधन में सीएम चेहरे को लेकर कांग्रेस और राजद नेताओं के बीच विवाद

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में भले ही अभी कुछ देर हो, लेकिन राजद-कांग्रेस में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर तनातनी जारी है। हाल ही में पूर्व मंत्री आलोक मेहता के आवास पर हुई राजद, कांग्रेस सहित तीनों वामदलों (भाकपा, माकपा व भाकपा-माले) के विधायक-विधान पार्षदों की बैठक में नेताओं ने स्पष्ट किया कि तेजस्वी के नेतृत्व को लेकर महागठबंधन में कोई विवाद नहीं है।वहीं, अब कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ नेता तारिक अनवर के बयान के बाद एक बार फिर महागठबंधन में सीएम चेहरे को लेकर विवाद छिड़ता दिख रहा है।

ज्यादा विधायक वाली पार्टी का होगा मुख्यमंत्री

कांग्रेस सांसद और वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल निश्चित रूप से महागठबंधन में सबसे बड़ा दल है और उसकी जिम्मेदारी भी ज्यादा है, लेकिन व्यवस्था यही रही है कि जिसके ज्यादा विधायक होंगे मुख्यमंत्री भी उसी पार्टी का होगा।

सीट बंटवारे को लेकर कोई चर्चा नहीं

अजीत शर्मा ने भी सीएम फेस को लेकर दिया बयान

  • तारिक अनवर पहले नेता नहीं हैं, जिन्होंने महागठबंधन में सीएम चेहरे को लेकर ऐसा बयान दिया है। इससे पहले कांग्रेस नेता अजीत शर्मा ने मुख्यमंत्री फेस को लेकर अपना बयान दिया था।
  • अजीत शर्मा ने बुधवार को यह कहकर नया विवाद शुरू कर दिया था कि चुनाव परिणाम के बाद विधायक तय करेंगे कि महागठबंधन की सरकार में मुख्यमंत्री कौन बनेगा।

शीर्ष नेतृत्व लेगा अंतिम निर्णय

हालांकि, शर्मा ने यह भी कहा था कि इस बात का अंतिम निर्णय सोनिया गांधी और राहुल गांधी के स्तर पर लिया जाएगा। राजद-कांग्रेस के बीच मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर लगातार ऐसे बयान सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि बिहार में महागठबंधन के नेताओं के बीच आपस में तनातनी का माहौल है।

एकजुटता के संदेश के बाद शुरू हुई बयानबाजी

गुरुवार को ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की ओर से महागठबंधन दल के नेताओं की एक संयुक्त बैठक बुलाई गई थी। राजद नेता आलोक मेहता के आवास पर हुई इस बैठक में तेजस्वी ने सभी दलों से एकजुटता प्रदर्शित करने की अपील की थी।

इसके अगले ही दिन कांग्रेस नेताओं के ऐसे बयानों से ये स्पष्ट होता है कि आने वाले दिनों में बिहार में महागठबंधन की राह आसान नहीं रहने वाली है।