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देहरादून:सब रजिस्ट्रार कार्यालय मामलें में अधिवक्ता कमल विरमानी को कोर्ट से नही मिली राहत

देहरादून के रजिस्ट्रार कार्यालय के दस्तावेजों में छेड़छाड़ मामलें में नामी वकील कमल विरमानी की जमानत खारिज कर कोर्ट ने दिया बड़ा झटका। 

एसआईटी के अनुरोध पर कोर्ट ने आरोपी कमल बिरमानी और उसके मुंशी रोहिताश की दो दिन की पुलिस कस्टडी मंजूर की, कस्टडी के दौरान एसआईटी आरोपी से महत्वपूर्ण दस्तावेज और जानकारी हासिल कर सकती है।

शनिवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लक्ष्मण सिंह की अदालत ने रजिस्ट्री फर्जीवाड़े में गिरफ्तार वरिष्ठ अधिवक्ता कमल विरमानी की जमानत याचिका खारिज दी। साथ ही कोर्ट ने आरोपित अधिवक्ता को दो दिन की पुलिस रिमांड में भेजने के भी आदेश दिए। कोर्ट ने आरोपित विरमानी का पूर्व मुंशी रोहताश को भी पुलिस कस्टडी रिमांड पर भेजने के आदेश दिए हैं। पुलिस रिमांड 3 सितंबर रविवार सुबह 10:30 से 5 सितंबर 10:30 बजे तक रहेगी। सूत्रों कहना है कि पुलिस रिमांड के दौरान एसआईटी रजिस्ट्री फर्जीवाड़े से जुड़े दस्तावेज और मुकदमे से जुड़े महत्वपूर्ण सबूत जुटा सकती है।

कोर्ट द्वारा यह आदेश भी जारी किए गए हैं कि आरोपी कमल विरमानी यदि चाहे तो वह अपने अधिवक्ता को अपने साथ रख सकता है, लेकिन विवेचनाधिकारी आरोपित के अधिवक्ता को जितनी निश्चित दूरी बताएंगे वह उतनी निश्चित दूरी पर या कम से कम 50 मीटर की दूरी पर रहेंगे। साथ ही वह विवेचना में कोई व्यवधान उत्पन्न नहीं करेंगे।

कोर्ट में विवेचक राकेश कुमार गुसाईं ने अदालत में दलील दी कि आरोपित कमल विरमानी 27 अगस्त व उनके पूर्व मुंशी रोहतास 22 अगस्त से न्यायिक हिरासत में हैं। आरोपितों को आमने सामने बैठाकर पूछताछ करनी जरूरी है। उन्होंने अदालत को बताया कि आरोपितों ने अपने बयानों में बताया है कि फर्जीवाड़े से जुड़े दस्तावेज व पत्रावलियां उन्होंने सरकारी कार्यालय की फाइलों में रखे हैं। दस्तावेज व पत्रावलियां बरामद करने के लिए कमल विरमानी व रोहतास का तीन दिन का पुलिस रिमांड दिया जाए।

आरोपी के वकील ने किया पीसीआर का विरोध

इस पर आपत्ति जताते हुए आरोपित कमल विरमानी के अधिवक्ता एसके धर ने पुलिस रिमांड के विरोध में कहा कि कमल विरमानी ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है कि वह मामले से जुड़े दस्तावेज बरामद कराएगा। विवेचक ने ऐसे किसी विशिष्ठ स्थान का उल्लेख नहीं किया है, जिसकी पहचान आरोपितों से ही कराई जानी संभव है। आरोपित वरिष्ठ अधिवक्ता है, जिसके घर, कार्यालय व चैंबर को सभी लोग जानते हैं। पुलिस ने प्रकरण से संबंधित दस्तावेज बरामद कर लिए हैं। इसलिए आरोपितों का अनावश्यक पुलिस रिमांड लिया जा रहा है। इसलिए प्रार्थनापत्र खारिज किया जाए। दूसरी ओर आरोपित रोहतास के अधिवक्ता एमएस पंत ने बताया कि रोहतास मुंशी का काम करता था। उसकी ओर से जो कुछ किया गया है वह अपने मालिक के निर्देशों के अनुपालन में किया गया है। उसके कब्जे में किसी प्रकार का कोई दस्तावेज व प्रकरण से संबंधित कोई वस्तु नहीं है।