देहरादून से एक सांध्य दैनिक समाचार पत्र प्रकाशित होता हैं, इस समाचार पत्र में दिनाँक- 16अप्रैल 2022 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से संबंधित एक बहुत ही गंभीर एवं संवेदनशील समाचार प्रमुखता से प्रकाशित किया गया हैं, जिसकी हैडिंग हैं।
“आईपीएस अफसरों ने रची सीएम के ख़िलाफ़ साजिश”।
ख़बर:-
जिस दिन पुष्कर सिंह धामी का शपथ ग्रहण समारोह था उस दिन 2 आईपीएस अफसरों ने एक कोठी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को किसी भी कीमत पर चुनाव जीतने ना देने के लिए एक बड़ी साजिश रची इस साजिश का चक्रव्यूह आईपीएस अफसरों ने रात्रि में दी गई चंद अपनों की दावत में रचा। सीएम को उपचुनाव में हार मिले इसके लिए आईपीएस अफसरों ने एक कांग्रेसी नेता, भाजपा नेता और दावत में आए लगभग आधा दर्जन दरोगाओं के साथ साजिश का ताना-बाना बुना है।
साथ ही ख़बर में समाचार पत्र के प्रमुख संवाददाता द्वारा यह लिखा गया है कि “विश्वस्त सूत्रों” से मिली जानकारी के अनुसार।
इस संवाददाता ने प्रकाशित ख़बर को पढ़ने के बाद उत्तराखंड के राज्यपाल को दिनांक-13-05-2022 पत्र लिखकर निवेदन किया कि उपरोक्त समाचार पत्र में हमारे प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उपचुनाव में हराने के लिएआईपीएस अफसरों,नेताओं ओर दरोगाओं की साजिश के बारे में जब ख़बर प्रकाशित हुई तब शासन ,पुलिस प्रशासन विजिलेंस आदि विभागों द्वारा इस अत्यंत ही संवेदनशील ख़बर का संज्ञान लेते हुए षड्यंत्रकारियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही की गई या नहीं क्योंकि समाचार पत्र के प्रमुख संवाददाता द्वारा खबर में “विश्वस्त सूत्रों” का उल्लेख भी किया गया है। यह मामला स्पष्ट रूप से हमारे राज्य के लोकप्रिय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से जुड़ा हुआ है। इसलिए राज्यहित जनहित में कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने की कृपा कर उपरोक्त समाचार पत्र की यह खबर की सत्यता का पता लगाने हेतु तत्काल ही उच्च स्तरीय जांच के आदेश कर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने की कृपा करें क्योंकि अगर यह खबर सत्य है तो बहुत ही घिनौना सत्य है l
दिनांक 24/7/2022 को राज्यपाल उत्तराखंड को कार्यवाही हेतु भेजे गए पत्र के संबंध में लोक सूचना अधिकारी/राजभवन देहरादून से पांच बिंदुओं पर सूचना मांगी गई।
मांगी गई सूचना:-
उपरोक्त अत्यंत ही जनहित, राज्यहित की स्पष्ट रूप से मुख्यमंत्री की सुरक्षा से जुड़ी सूचनाओं को लोक सूचना अधिकारी/राजभवन देहरादून ने बिल्कुल भी गंभीरता से नहीं लिया और सूचना पत्र प्राप्त होने के 37 दिन बाद उत्तर पत्र भेजा गया। सूचना उत्तर पत्र में मात्र यह लिखकर इतिश्री कर ली गईं कि “कोई सूचना आधारित नहीं है”।
सूचना उत्तर पत्र:-
लोक सूचना अधिकारी के सूत्र के बाद राज्य सूचना आयोग में शिकायत दर्ज करवाई गई कि “लोक सूचना अधिकारी ने प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री की सुरक्षा से जुड़ी सूचनाओं को बिल्कुल भी गंभीरता से नही लेते हुए सूचनाएं उपलब्ध नहीं करवाई है और अपने सूचना उत्तर पत्र में अंकित किया है कि आपके द्वारा सूचना अनुरोध पत्र में उल्लेखित पत्र दिनांक 13/5/2022 के संबंध में कृत कार्रवाई की कोई सूचना धारित नहीं है।
शिकायत पश्चात राज्य सूचना आयोग उत्तराखंड द्वारा लोक सूचना अधिकारी/अनुसचिव श्री राज्यपाल सचिवालय उत्तराखंड देहरादून को नोटिस जारी किए गए।
आयोग में इस मामले की सुनवाई मुख्य सूचना आयुक्त अनिल चन्द्र पुनेठा द्वारा की गई तथा आदेश जारी किए गए कि:-
आदेश:-
“आयोग के समक्ष उपस्थित समीक्षा अधिकारी ने सुनवाई के दौरान यह कहा है कि अखबार की जिस कटिंग के आधार पर शिकायतकर्ता ने सूचना मांगी थी उसके संबंध में उनको यह पता चला है कि ए.डी.सी. के स्तर पर इसमें कुछ चर्चा हुई है लेकिन इसके बारे में उनको कोई सूचना नहीं है”।
“शिकायतकर्ता ने अनुरोध किया है कि इस प्रकरण को सचिव श्री राज्यपाल को प्रेषित कर दिया जाए यदि इसमें कोई चर्चा या कार्रवाई की गई है तो उसकी सूचना शिकायतकर्ता को उपलब्ध करा दी जाए। शिकायतकर्ता के अनुरोध को देखते हुए इस आदेश की एक प्रति सचिव श्री राज्यपाल को इस आशय से पृष्ठांकित की जाए कि प्रस्तुत प्रकरण में यदि कोई कार्यवाही की गई है तो उसकी सूचना शिकायतकर्ता को उपलब्ध करा दी जाए।