लखनऊ अवैध मतांतरण व महिला अपराध के मामलों में कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद गंभीर हैं। इसे लेकर वह कड़े निर्देश भी देते रहते हैं। इसके बावजूद कई जिलों में पुलिस प्रशासन कार्रवाई करने में पीछे है। मुख्यमंत्री ने बीते सोमवार की रात कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक की तो यह तस्वीर सामने आई।
जिलों की पुलिस ने 176 मामलों में आरोपपत्र दाखिल किए और 16 मुकदमों में अंतिम रिपोर्ट लगाई। 48 मुकदमों की विवेचना जारी है। कुल 790 आरोपितों में 742 गिरफ्तार किए गए और 48 वांछित आरोपितों की तलाश की जा रही है। जिलेवार समीक्षा में सामने आया कि सबसे खराब प्रदर्शन गोरखपुर का रहा, जहां सबसे कम 29 प्रतिशत मामलों में कार्रवाई की गई।
इसके अलावा प्रयागराज कमिश्नरेट में 33 प्रतिशत, मुजफ्फरनगर में 38 प्रतिशत, कानपुर कमिश्नरेट में 63 प्रतिशत, हापुड़ में 67 प्रतिशत, संतकबीरनगर व कन्नौज में 71 प्रतिशत, पीलीभीत में 82 प्रतिशत, बरेली में 84 प्रतिशत व हमीरपुर में 88 प्रतिशत मामलों में कार्रवाई की गई। अवैध मतांतरण के मामलों में शतप्रतिशत कार्रवाई करने वाले टाप 10 जिलों में इटावा, आजमगढ़, जौनपुर, अयोध्या, संभल, मैनपुरी, जालौन, बलरामपुर, अमेठी व अंबेडकरनगर शामिल रहे। स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि सभी प्रकार के गंभीर अपराध पिछले वर्षों की तुलना में कम हुए हैं।
फतेहगढ़ में 250 प्रतिशत बढ़े दुष्कर्म के मामले
दुष्कर्म के मामलों की बात की जाए तो प्रदेश में 1869 अभियोगों में 1359 मामलों में पुलिस ने कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया व 220 में अंतिम रिपोर्ट लगाई। पुलिस ने कुल 2578 में से 2335 आरोपित गिरफ्तार किए तथा 253 आरोपितों की तलाश की जा रही है। दुष्कर्म के मामलों में फतेहगढ़ में 250 प्रतिशत, सीतापुर में 200 प्रतिशत, लखीमपुर खीरी में 167 प्रतिशत, कौशांबी में 150 प्रतिशत व हमीरपुर में 100 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
दुष्कर्म के मामलों में कार्रवाई में प्रयागराज सबसे पीछे
दुष्कर्म के मामलों में सबसे कम 55 प्रतिशत कार्रवाई प्रयागराज कमिश्नरेट में हुई। इसके अलावा शाहजहांपुर व बलरामपुर में 67 प्रतिशत, कौशांबी में 74 प्रतिशत, फतेहपुर, प्रतापगढ़ व मथुरा में 75 प्रतिशत, गोरखपुर में 76 प्रतिशत, बहराइच में 77 व संतकबीरनगर में 81 प्रतिशत कार्रवाई हुई।