इस हफ्ते के पहले कारोबारी दिन यानी सोमवार को भारतीय शेयर बाजार के लिए ब्लैक मंडे साबित हुआ। आज खुलते ही शेयर बाजार में भारी बिकवाली देखी गई। बीएसई सेंसेक्स अभी 2800 अंक लुढ़क चुका है। वहीं एनएसई निफ्टी में भी 914 अंक की गिरावट देखी जा रही है। चलिए जानते हैं कि शेयर बाजार में लगातार बिकवाली क्यों हो रही है?
आज 7 अप्रैल को शेयर बाजार में हाहाकार मचा हुआ है। शेयर बाजार के मुख्य इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी में लगातार बिकवाली जारी है। जाहिर है कि अमेरिकी टैरिफ का असर भारतीय शेयर बाजार में देखने को मिल रहा है। हालांकि शेयर बाजार में हो रही गिरावट के कई और कारण भी हो सकते हैं।
अभी लिखते समय, बीएसई सेंसेक्स लगभग 2900 अंक गिरकर 72,389 पर ट्रेड कर रहा है। वहीं एनएसई निफ्टी में 920 अंक की गिरावट आई है। अभी निफ्टी 21,977 पर कारोबार कर रहा है। इसके अलावा आज सुबह प्री-ओपन के समय बीएसई सेंसेक्स 4000 अंक तक गिरा था. वहीं निफ्टी में 1100 अंक की गिरावट दर्ज की गई थी।
अमेरिकी टैरिफ से पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था डगमगा उठी है। सभी निवेशक सुरक्षित निवेश की ओर बढ़ रहे हैं। आज सुबह एशियाई बाजार के सभी इंडेक्स में भारी बिकवाली हुई थी। वहीं अमेरिकी मार्केट का भी बुरा हाल है। गिफ्ट निफ्टी भी सुबह 900 अंक की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा था।
विदेशी बाजारों में हुई बिकवाली का प्रभाव भारतीय शेयर बाजार में भी देखने को मिला है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने टैरिफ को कड़वी दवा बताया है। भारत समेत कई बड़े देशों में अमेरिका ने निर्यात पर टैरिफ का ऐलान कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो शेयर बाजार में अभी पूरी तरह से टैरिफ का असर देखने को नहीं मिला है। ट्रंप ने भारत सहित लगभग 180 से अधिक देशों में टैरिफ का ऐलान कर दिया है। वहीं ये भी कहा जा रहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था में टैरिफ का इनडायरेक्ट असर हो सकता है।
इसके साथ ही अमेरिकी अर्थव्यवस्था में भी इससे मंदी आ सकती है। डगमगाए ग्लोबल अर्थव्यवस्था के बीच इस हफ्ते चौथे तिमाही के परिणाम जारी हो सकते हैं। इस परिणाम से पहले ही निवेशक विश्व अर्थव्यवस्था की स्थिति को देख घबरा उठे हैं। शेयर बाजार में बिकवाली का ये भी एक कारण हो सकता है।
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो मार्च के महीने विदेशी निवेशक यानी विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में जमकर खरीदारी की थी। लेकिन अप्रैल में उन्होंने फिर से बिकवाली शुरू कर दी है। इस बीच घरेलू और विदेशी निवेशक सुरक्षित निवेश की तरफ अपना रुझान कर रहे हैं। जिससे ग्लोबल और घरेलू बाजारों में सोने की कीमत आसमान छू रही है।
इस महीने 7 अप्रैल से 9 अप्रैल के बीच ये एमपीसी बैठक आयोजित की जा सकती है। यानी आज आरबीआई अपनी एमपीसी बैठक रख सकता है। वहीं अमेरिकी टैरिफ के हाहाकार के दौरान रेपो रेट में कटौती घरेलू निवेशकों को राहत देने का काम करेगी। हालांकि इस बात की पुष्टि आरबीआई की बैठक के बाद ही की जा सकती है।
अगर रेपो रेट में गिरावट आती है, तो इससे बैंकों को लोन सस्ता पड़ता है। वहीं लोग भी कम ब्याज दर पर लोन ले पाते हैं।