जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 के निरस्त होने के बाद विधानसभा में पहली बार बजट पेश किया गया। शुक्रवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने छह साल बाद जम्मू-कश्मीर का पहला बजट पेश किया और कहा कि यह आर्थिक विकास का रोडमैप है और लोगों की आकांक्षाओं का सच्चा प्रतिबिंब है।बजट पेश करने के दौरान उमर अब्दुल्ला ने विभिन्न क्षेत्रों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सहयोग की भी तारीफ की
मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं जम्मू-कश्मीर के वित्त मंत्री के तौर पर पहली बार बजट पेश करते हुए खुश हूं। यह आर्थिक विकास का रोडमैप है और लोगों की आकांक्षाओं का सच्चा प्रतिबिंब है।”
उमर अब्दुल्ला ने अपने बजट भाषण की शुरुआत एक फारसी दोहे से की। पिछले साल अक्टूबर में सत्ता में आने के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार का यह पहला बजट है, जिसने छह साल के केंद्रीय शासन को समाप्त कर दिया।
पिछला बजट सत्र 2018 में तत्कालीन पीडीपी-भाजपा सरकार के तहत जम्मू-कश्मीर राज्य में हुआ था। 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था।
जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को राज्य का बजट पेश करते हुए इस बात पर जोर दिया कि क्षेत्र स्थायी शांति की राह पर है। उन्होंने बजट का फोकस युवाओं और महिलाओं को सशक्त बनाने, क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करने और राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए प्रयास करने पर था।