- भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
जिला देहरादून के नगर क्षेत्र स्थित मांस विक्रेताओं द्वारा मनमाने अधिकतम दामों पर मांस विक्रय करना साथ ही अत्यंत ही गंभीर कि जानवरों को काटने से पूर्व उनकी स्वास्थ्य जांचों में स्पष्ट रूप से घोर लापरवाही बरत आम जनता की जान खतरे में डालना।
मामला इस प्रकार है कि जिला देहरादून के नगर क्षेत्र के मांस विक्रेताओं द्वारा अधिक दामों पर मांस विक्रय किया जा रहा हैं क्योंकि पूर्व जिस बकरे के मांस की कीमत लगभग ₹400 प्रति किलोग्राम थी वह अब रु 600 से ₹ 700 प्रति किलोग्राम तक बेचा जा रहा है ।
साथ ही जानवर स्लॉटर हाउस में काटे जा रहे हैं या मांस विक्रेताओं द्वारा अपनी दुकान में ही जानवरों को काटने से पूर्व स्वास्थ्य विभाग द्वारा जानवर की स्वास्थ्य संबंधी जांच में घोर लापरवाही तो नहीं बरती जा रही है साथ ही जो मुर्गे का जो फ्रोजन मीट बाजारों में बेचा जा रहा है, उस फ्रोजन चिकन पर भी ना तो मैन्युफैक्चर तिथि अंकित रहती है तथा ना ही एक्सपायर तिथि अंकित रहती है । यह स्पष्ट रूप से आमजनता की जान से खिलवाड़ हैं । पहले तो देहरादून में कुछ भी संस्थान थे जो फ्रोजन मांस बेचते थे जिन की विश्वसनीयता थी और अब भी है। परंतु अब तो जगह-जगह कुकरमुत्तों की तरह दुकानों में फ्रोजन मास बेचा जा रहा है।
इस संवाददाता द्वारा उपरोक्त अत्यन्त ही गम्भीर मामलें में मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड में जनहित में याचिका दायर कर निवेदन किया गया था कि मामला स्पष्ट रूप से आमजनता की जानमाल की हानि एवं ओवररेटिंग से जुड़ा हुआ है इसलिए इस मामले में स्वास्थ्य विभाग नगर निगम और खाद्य विभाग तथा अन्य संबंधित विभागो को कार्यवाही हेतु निर्देशित करने तथा पिछले 3 महीने में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जानवरों को काटे जाने से पूर्व उनके स्वास्थ्य की गई जाँच से संबंधित रिपोर्ट भी तलब करने की कृपा कर तत्काल कार्यवाही करने की कृपा करें क्योंकि मामला स्पष्ट रूप से आम जनता की जानमाल की हानि से जुड़ा हुआ है ।
आयोग द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी देहरादून को तत्काल कार्यवाही हेतु आदेश दिया गया था। परंतु कोई कार्यवाही नहीं हुई क्योंकि अभी भी बिना डॉक्टरी जांच के बकरे काटे जा रहे हैं तथा जो जिंदा मुर्गे मुर्गियां मांस विक्रेता की दुकानों में होते हैं अधिकतर की स्थिति खराब ही होती है और इस और किसी भी संबंधित विभाग का ध्यान नहीं है अगर ध्यान है भी तो नजरें चुरा ली जाती होंगी।
अगर देहरादून नगर पशु चिकित्सा अधिकारी नगर निगम देहरादून तथा मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम देहरादून से कम से कम 6 महीने पूर्व तक की जानवरों की कटने से पूर्व जांच की रिपोर्ट तलब की जाए को सारी सच्चाई सामने आ जाएगी।
माननीय जिलाधिकारी महोदय जी मेरा आपसे जनहित में अत्यंत विनम्रतापूर्वक निवेदन है कि यह बहुत ही गंभीर और संवेदनशील और स्पष्ट रूप से आमजनता की जानमाल की हानि से जुड़ा मामला है,इसलिए जनहित में कृपया तत्काल कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने की कृपा करें।