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कब्रिस्तान में अवैध रूप से मस्जिद का निर्माण कराए जाने के मामले में एक्‍शन ल‍िया गया; गरजा योगी सरकार का बुलडोजर

मौदहा। हमीरपुर के मौहदा कस्बा और क्षेत्र में अवैध कब्जे लगातार बढ़ रहे हैं। वहीं कस्बे स्थित एक कब्रिस्तान में अवैध रूप से मस्जिद का निर्माण कराए जाने की शिकायत पर प्रशासन की नींद टूटी। आनन-फानन प्रशासन ने लेखपाल से उस जमीन की जानकारी मांगी। निर्माण अवैध पाए जाने पर बुलडोजर की मदद से उसे ध्वस्त कराया गया। इसके साथ ही पांच नामजद जिसमें मौदहा नगर पालिका अध्यक्ष, लखनऊ में पुलिस लाइन में तैनात सिपाही सहित 250 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया। 

शासनादेश के अनुसार, किसी भी सरकारी जमीन या सार्वजनिक स्थलों पर बिना किसी अनुमति के कोई नई परंपरा या निर्माण नहीं कराया जा सकता। इसके बावजूद भी छिमौली रोड के पास बने कब्रिस्तान पर मस्जिद निर्माण शुरू करा दिया गया। 

लेखपाल से मांगी गई थी र‍िपोर्ट

अवैध निर्माण की सूचना पर उपजिलाधिकारी राजकुमार गुप्ता ने लेखपाल सत्यम अवस्थी द्वारा उक्त जमीन की आख्या मांगी। जिस पर लेखपाल ने आख्या प्रस्तुत करते हुए बताया की मौजा मौदहा स्थित गाटा सं0- 2874 रकवा 2.0960 हेक्टेयर जो अभिलेखों में कब्रिस्तान दर्ज है, जहां पर पिलर बनाकर सपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष जावेद पहलवान पुत्र बदरूद्दीन, बसपा समर्थित मौदहा नगर पालिका अध्यक्ष रजा मुहम्मद पुत्र नूर मुहम्मद, अनीशउद्दीन पुत्र बिज्जन भाई, अब्दुल कादिर पुत्र अज्ञात, लखनऊ पुलिस लाइन में तैनात सिपाही लईक अहमद पुत्र बल्लू भाई निवासी मुहल्ला हुसैनगंज एवं अन्य अज्ञात साथियों द्वारा बिना किसी की अनुमति प्राप्त किए निर्माण कार्य शुरू करा दिया। 

देर रात बुलडोजर से ध्वस्‍त क‍िया गया निर्माणाधीन स्थल

कोतवाली प्रभारी उमेश सिंह ने बताया की अवैध रूप से कराए जा रहे निर्माण स्थल पर मानव शवों की अंत्येष्टि की कुछ कब्रें भी हो सकती हैं। इस प्रकार अवैध निर्माण से मानव शव के अंत्येष्टि संस्कारों का अपमान किया गया है। जिससे समाज में आक्रोश एवं शांतिभंग की संभावना के मद्देनजर आवेदक द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत पांच आरोपित सहित 250 अज्ञात साथियों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत किया गया। आरोपितों की तलाश विभिन्न माध्यमों से की जा रही है। विवादित स्थल पर पुलिस तैनात है।

 

वहीं, नगर पालिका के अध्यक्ष रजा मुहम्मद से मोबाइल फोन पर हुई बातचीत में कहा, ”अवैध निर्माण से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। प्रशासन ने जबरन मुझे फंसाया है। इधर, अतिक्रमण हटाने के दौरान उपजिलाधिकारी राजकुमार गुप्ता, तहसीलदार अनुभव चंद्रा, पुलिस क्षेत्राधिकारी विनीता पहल मौजूद रहीं।”