हरियाणा में यमुना नदी के पानी में जहर मिलाने के बयान के खिलाफ दायर याचिका की सुनावई में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल गुरुवार को पेश नहीं हुए। आप संयोजक 17 फरवरी को पहली सुनवाई पर भी नहीं पहुंचे थे। मामले की अगली सुनवाई 31 मई को होगी। आज यानी 20 मार्च को केजरीवाल की तरफ से उनके वकील ने जवाब दाखिल किया।
हरियाणा में यमुना नदी के पानी में जहर मिलाने के बयान के विरूद्ध दायर याचिका की दूसरी सुनवाई पर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल की तरफ से उनके अधिवक्ता ने जवाब दाखिल किया। अरविंद केजरीवाल दूसरी सुनवाई पर भी कोर्ट में पेश नहीं हुए।
मामले में अब अगली सुनवाई 31 मई को की जाएगी। मामले में पहली सुनवाई 17 फरवरी को हुई थी। उस वक्त केजवरीवाल की तरफ से आम आदमी पार्टी के लीगल सेल हेड एवं बार काउंसिल आफ दिल्ली के उपाध्यक्ष संजीव नासियार उनकी तरफ से पेश थे।
नासियार ने कोर्ट में कहा कि नोटिस के साथ उनको मामले से जुड़े सबूत नहीं मिले है। इस पर उन्हें सबूत और पैन ड्राइव में मामले से संबंधित वीडियो मुहैया कराई गई थी। जिसके बाद अब केजरीवाल की टीम ऑफ एडवोकेट की तरफ से जवाब दाखिल किया गया है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से राई जल सेवा प्रभाग के कार्यकारी अभियंता आशीष कौशिक ने सोनीपत के कोर्ट में केस दायर किया था। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि 28 जनवरी को यमुना नदी से सटे आसपास के गांवों के लोगों की एक भीड़ सिंचाई विभाग के परिसर में एकत्र हुई और पूछताछ करने लगी कि हरियाणा सरकार ने यमुना नदी में जहर क्यों डाला है?
इस जहर से कई लोगों और जानवरों की मौत हो सकती है। जब लोगों से पूछा गया कि उनकी जानकारी का स्रोत क्या है? इस पर कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो दिखाई, जिसमें अरविंद केजरीवाल यह बयान देते नजर आ रहे थे कि हरियाणा सरकार ने यमुना नदी के पानी में जहर मिला दिया है। जिसके बाद उनकी तरफ से केस दायर किया गया था।