भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फैंसला लिया है कि सुप्रीम कोर्ट में सोमवार से केवल अतिआवश्यक मामलों की ही सुनवाई होगी ।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, सोमवार से उतनी ही अदालते बैठेंगी जिनकी अतिआवश्यक मामलों की सुनवाई के लिए जरूरत होगी। अदालत कक्ष में मामलें की जिरह करने वाले एक वकील और एक मुकदमें के पैरोकार को भीतर प्रवेश करने की इजाजत होगी।
शीर्ष अदालत की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा जारी परामर्श की समीक्षा करने और स्वास्थ्य सेवा विशेषज्ञों की राय के बाद सभी आगंतुकों, वादकारियों, वकीलों, न्यायालय के कर्मचारियों, सुरक्षा, रख रखाव और सहायक स्टाफ के साथ साथ मीडियाकर्मियों की सुरक्षा के मद्देनजर सक्षम प्राधिकारी ने मुकदमों की सुनवाई केवल जरूरी मामलों तक सीमित रखने का फैसला किया है।
दरअसल, कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे पर सुप्रीम कोर्ट चिंतित है। वायरस के खतरे के मद्देनजर गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने अधिकारियों और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव एवं सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन के उपाध्यक्ष के साथ बैठक कर हालात पर मंथन किया। चूंकि राजधानी में लोगों के एक जगह एकत्र होने या आने जाने को सीमिति किया जा रहा है ताकि संक्रमण के खतरे कम किया जा सके। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट भी सजग है।
बताया जाता है कि गुरुवार को हुई उक्त बैठक में मुख्य न्यायाधीश के अलावा जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस यू.यू. ललित भी मौजूद थे। बैठक में अटार्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल, सालिसिटर जनरल तुषार मेहता, एससीबीए के सचिव अशोक अरोड़ा और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट आन रिकार्ड एसोसिएशन के उपाध्यक्ष मनोज मिश्रा के अलावा स्वास्थ्य और कानून मंत्रालय के अधिकारी भी उपस्थित थे।