भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने लोन लेने वालों को बड़ी राहत दी है । सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि एमएसएमई ऋण, शैक्षिक, आवास, उपभोक्ता, ऑटो, क्रेडिट कार्ड बकाया, पेशेवर और उपभोग ऋण पर लागू चक्रवृद्धि ब्याज को माफ किया जाएगा, सरकारी हलफनामे के मुताबिक 6 महीने के लोन मोरेटोरियम समय में दो करोड़ रुपये तक के लोन के ब्याज पर ब्याज की छूट देगी । केंद्र ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी की स्थिति में, ब्याज की छूट का भार वहन सरकार करे यही केवल समाधान है ।इसके साथ ही केंद्र सरकार ने कहा है कि उपयुक्त अनुदान के लिए संसद से अनुमति मांगी जाएगी ।केंद्र ने पैनल की सिफारिशों के बाद ब्याज माफ नहीं करने के रुख को बदल दिया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार को उधारकर्ताओं की मदद करने के निर्देश के बाद Ex CAG राजीव महर्षि की अध्यक्षता में एक पैनल गठित किया गया था । केंद्र सरकार ने कोर्ट में पहले कहा था कि वह ब्याज माफ नहीं कर सकता है और यह बैंकों को प्रभावित करेगा।पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को कहा था कि वो विभिन्न क्षेत्रों के लिए कुछ ठोस योजना लेकर अदालत आए कोर्ट ने मामले को बार-बार टालने पर नाराजगी जाहिर की थी । कोर्ट ने 31 अगस्त तक NPA ना हुए लोन डिफाॉल्टरों को NPA घोषित नहीं करने का भी अंतरिम आदेश जारी रखने के निर्देश दिए थे, वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मामले की सुनवाई जस्टिस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एम आर शाह की तीन जजों की बेंच कर रही है ।