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मुख्यमंत्री योगी ने बच्चो को नगद धनराशि देकर सम्मानित किया

लखनऊ के लोक भवन में आयोजित मेधावी विद्यार्थी सम्मान समारोह में मेधावी छात्रों को पुरस्कृत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नकल माफिया समाज के सबसे बड़े दुश्मन हैं। सरकार ने उन पर लगाम लगाई है इनका सामाजिक बहिष्कार भी करें। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अर्थ केवल डिग्री लेना नहीं बल्कि संपूर्ण व्यक्तित्व के निर्माण का माध्यम बनना भी है। उन्होंने टॉपर विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 6 वर्ष पहले प्रदेश बोर्ड परीक्षाओं में नकल के कारण बदनाम था। पूरा साल परीक्षा में ही निकलता था। सरकार बनते ही मैंने लक्ष्य दिया कि 1 माह में परीक्षा और परिणाम दोनों आए। 15 दिन के भीतर परीक्षा हुई और 14 दिन के भीतर परिणाम घोषित किया गया। पारदर्शिता से परीक्षा कराई गई सामान्य प्रश्न पत्र बनाया गया और सामुदायिक नकल पर छात्रों की बजाय प्रबंधकों अधिकारियों पर कार्रवाई की गई। एक डीआईओएस को जेल में डालना पड़ा।

उन्होंने कहा कि नकल माफिया वास्तव में शिक्षकों की मेहनत पर डकैती है। यह पूरी तरह रुकनी ही चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 1,62,000 शिक्षकों की नियुक्ति हुई। 1,33,000 विद्यालय कायाकल्प में विकसित किये गए। यही जन सहभागिता माध्यमिक शिक्षा विभाग भी चाहेगा तो जरूर होगा। पुरातन छात्रों के सम्मेलन के माध्यम से जन सहभागिता की जाए। कोई लाइब्रेरी बनवा सकता है तो कोई स्मार्ट क्लास। हम दो करोड़ युवाओं को टेबलेट दे रहे हैं ताकि ये तकनीक से जुड़ सकें।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इस बार अभ्युदय कोचिंग से 23 बच्चे आईएएस में 98 बच्चे पीसीएस में चुने गए । भेदभाव नहीं किया गया। हमने यूपी बोर्ड के साथ-साथ सभी बोर्ड के बच्चों को पुरस्कृत किया है क्योंकि यूपी में पढ़ने वाला हर बोर्ड का बच्चा प्रदेश का है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की पुस्तक एग्जाम वॉरियर को भी बच्चों को दिया जाए। नई शिक्षानीति एक नया अवसर है उसका लाभ सभी को उठाना चाहिए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में यूपी बोर्ड परीक्षा के मेधावियों व उनके माता-पिता को सम्मानित किया। इस मौके पर उन्हें एक-एक लाख रुपये का पुरस्कार भी दिया।

मुख्यमंत्री योगी ने राज्य स्तर पर शीर्ष पांच स्थान पाने वाले यूपी बोर्ड, संस्कृत शिक्षा परिषद, सीबीएसई व आईसीएसई के सर्वोच्च 10-10 मेधावियों को मिलाकर 141 मेधावियों व उनके माता-पिता को सम्मानित किया।