भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी
उत्तराखण्ड राज्य के जिला देहरादून के सहसपुर थाने की हवालात में जिस आरोपी युवक अभिनव कुमार यादव ने फांसी लगाई थी, उसे सहसपुर थाने की पुलिस ने अवैध हिरासत में रखा हुआ था उक्त युवक की हिरासत में हुई मौत और अवैध हिरासत में रखने के मामले को लेकर राष्ट्रपति, प्रधानमन्त्री, मुख्य न्यायमूर्ति सर्वोच्च न्यायालय, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भारत, राज्यपाल उत्तराखण्ड, मुख्य न्यायमूर्ति उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड, मानवाधिकार आयोग उत्तराखण्ड एवं पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) उत्तराखण्ड देहरादून को पत्र लिखकर जनहित एवं न्यायहित में दोषी पुलिस अधिकारियों तथा कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्यवाही करने साथ ही उच्चस्तरीय अथवा सीबीआई से जांच करवाने के आदेश की मांग की थी क्योंकि किसी भी व्यक्ति की हवालात में मौत और उसकी हिरासत भी हो अवैध तो यह सब पुलिस की मंशा को साफ दर्शाता है इसलिए यह मामला अत्यन्त ही गंभीर एवं खुलेआम मानवाधिकारों के उल्लंघन का हो जाता है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए मानवाधिकार आयोग द्वारा आरोपी युवक की हवालात में हुई मौत के संबंध में एसएसपी देहरादून को नोटिस जारी कर दिनांक 14-01-2020 तक जवाब मांगा था परंतु मानवाधिकार आयोग के नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया गया परंतु आयोग द्वारा अब अवैध हिरासत के मामलें में भी एसएसपी देहरादून को नोटिस जारी कर दिये हैं तथा दोनों मामलों हिरासत में हवालात में मौत और अवैध हिरासत संबंधी प्रकरण दोनों में जवाब मांगा गया है ।
इस अत्यंत गंभीर प्रकरण हिरासत में हवालात में मौत और अवैध हिरासत सम्बन्धी दोनों शिक़ायतों में राष्ट्रपति भवन ने भी मुख्यसचिव उत्तराखंड को 2 पत्र जारी कर कार्यवाही हेतु लिखा हैं साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा भी मुख्यसचिव उत्तराखंड को दोनों मामलों में 2 पत्र जारी कर कार्यवाही हेतु लिखा गया है मुख्यसचिव द्वारा भी इस संबंध में गृह विभाग को कार्यवाही हेतु पत्र भेज दिए हैं
इसके अतिरिक्त उक्त प्रकरण में आरटीआई के माध्यम से सच्चाई सामने लाने हेतु सभी दस्तावेजों की मांग की थी परंतु सूचना उपलब्ध नहीं करवाई गई है